Tuesday, December 1, 2009
गैर हाज़िर हों ................
सवाल पूछने वाले सांसद हाज़िर हों .........एक लम्बी ख़ामोशी.......... संसद में जब वो सांसद गैर हाज़िर हुए जिन्होंने देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछे थे और वाही संसद उपस्थित नहीं हो पाए तो शायद लम्बी ख़ामोशी ही रही होगी ... जो सांसद देश के मुद्दों पर सवाल पूछने का बाद भी नहीं आये इस से कहीं न कहीं ये साफ ज़ाहिर हो जाता है कि उन मुद्दों को लेकर वो कितने सजग और गंभीर होंगे . 1 या 2 नहीं बल्कि पूरे 36 सांसद गैर हाज़िर थे ... क्या देश ऐसे लोगों से कुछ अपेक्षा कर सकता है? बल्कि मै तो इसके विपरीत एक और बात कहता हूँ कि देश को ऐसे लोगों से क्या कुछ अपेक्षा होनी चाहिए ? एक और इत्तफाक इस घटना के साथ जुड़ा है और वो ये है कि ये सभी सांसद किसी न किसी बड़े नेता या किसी बड़े आदमी के सम्बन्ध से थे चाहे वो बेटा , बेटी या भाई या पत्नी या फिर कोई साला ही क्यों न हो ... इन लोगों ने राजनिति को एक व्यवसाय के तौर पर ले लिया है जबकि राजनिति एक जूनून का जज्बातों का काम है और उन लोगों की गैर हाजिरी जायज़ भी है क्यों कि उन्हें राजनिति का टिकेट जनता की मर्ज़ी से नहीं बल्कि बड़े परिवार या फिर किसी खास नेता की पसंद का होने की वजह से मिला है ......इस घटना में किसी एक नहीं बल्कि बहुत सी पार्टियों के सांसद थे चाहे वो कांग्रेस हो, बीजेपी हो जद यू हो शिव सेना हो या कोम्मुनिस्ट पार्टी ही हो......... राजनिति के इस हमाम में सब नंगे हैं ... फिर भी सब एक दुसरे को कपडे पहन ने के लिए बोल रहे हैं..........
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